अगर क्रिकेट की दुनिया में सबसे अनोखे और खतरनाक गेंदबाजों की सूची बनाई जाए, तो लसिथ मलिंगा का नाम उसमें सबसे ऊपर होगा। उनकी पहचान सिर्फ एक तेज गेंदबाज की नहीं, बल्कि एक ऐसे कलाकार की है जिसने अपनी यूनिक बॉलिंग एक्शन, घातक यॉर्कर और लगातार विकेट लेने की क्षमता से बल्लेबाजों के दिलों में डर बसा दिया। श्रीलंका जैसे छोटे से देश से निकलकर वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी चमक बिखेरने वाले मलिंगा ने न सिर्फ ढेरों रिकॉर्ड बनाए बल्कि क्रिकेट प्रेमियों को रोमांच से भर दिया।
छोटा लेकिन क्रिकेट का दीवाना देश है श्रीलंका
श्रीलंका में भी भारत की तरह क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं का दूसरा नाम है। यहां की गलियों से लेकर बड़े मैदानों तक, हर जगह क्रिकेट की गूंज सुनाई देती है। अगर जीत हो तो पूरा देश जश्न में डूब जाता है और हार पर मातम सा माहौल बन जाता है। ऐसे ही माहौल में पले-बढ़े लसिथ मलिंगा के लिए क्रिकेट जीवन का सबसे अहम हिस्सा बन गया।
साल 1990 से 2000 तक श्रीलंका की क्रिकेट टीम अपने सुनहरे दौर में थी और 1999 से 2014 तक महेला जयवर्द्धने, कुमार संगकारा, चामिंडा वास, रंगना हेराथ और मुरलीधरन जैसे दिग्गज टीम का हिस्सा थे। इस दौर में श्रीलंका को हराना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं था और इसी सुनहरे दौर के बीच एक सितारा उभरकर आया,जिसका नाम था लसित क्रिस्टोफर मलिंगा।
मलिंगा का बचपन और शुरुआती सफर
28 अगस्त 1984 को श्रीलंका के गॉल ज़िले में एक साधारण परिवार में जन्मे मलिंगा के पिता बस मैकेनिक थे। बचपन में वे अपने गांव ‘रथगामा’ के समुद्री किनारे दोस्तों के साथ टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे।
समुद्री रेत पर बॉल सही से बाउंस नहीं होती थी, जिससे मलिंगा ने एक अलग तरह का स्लिंगिंग एक्शन विकसित कर लिया और यह एक्शन ही आगे चलकर उनकी पहचान बन गया।
स्कूल क्रिकेट में उन्होंने अपने स्विंग, सटीक यॉर्कर और तेज़ गेंदबाज़ी से सबको चौंका दिया। महज 11 साल की उम्र में वे दोगुनी उम्र के बल्लेबाजों को आउट कर देते थे और इसी दौरान मशहूर कोच चंपक रामनायक की नज़र उन पर पड़ी।
रामनायक ने उन्हें गॉल क्रिकेट क्लब में शामिल कराया और उनके एक्शन को पारंपरिक बनाने की कोशिश की, लेकिन मलिंगा ने अपनी मौलिक शैली बनाए रखने का फैसला किया। यही निर्णय उन्हें आने वाले समय में अनोखा बनाने वाला था।
मलिंगा ने घरेलू क्रिकेट में भी धमाकेदार प्रदर्शन किया है
घरेलू क्रिकेट में लसित मलिंगा की चमक ही उनकी पहचान बनाने का सबसे अहम कारण बनी। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत श्रीलंका के घरेलू टूर्नामेंट्स से की, जहाँ उनकी स्लिंग एक्शन वाली तेज़ गेंदबाज़ी ने हर किसी का ध्यान खींच लिया। गाले क्रिकेट क्लब और फिर मोराबा क्रिकेट क्लब के लिए खेलते हुए मलिंगा ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया जहां उनकी खतरनाक यॉर्कर और तेज़ गति ने न केवल बल्लेबाज़ों को परेशान किया, बल्कि चयनकर्ताओं को भी मजबूर कर दिया कि उन्हें राष्ट्रीय टीम में मौका दें। घरेलू क्रिकेट में उनकी आक्रामक गेंदबाज़ी और विकेट लेने की क्षमता ने उन्हें जल्दी ही देश के उभरते हुए गेंदबाज़ों की सूची में ला खड़ा किया।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में मलिंगा का प्रदर्शन चौंकाने वाला था जहां आंकड़ों के अनुसार वे महज 84 मैचों में उन्होंने 270 विकेट झटके हैं। नेट प्रैक्टिस में बड़े-बड़े बल्लेबाज उनसे गेंद खेलने से बचते थे। यहां तक कि श्रीलंका के पूर्व कप्तान अरविंद डी सिल्वा भी नेट में उनकी गेंदबाजी का सामना नहीं करना चाहते थे, क्योंकि उनकी तेज़ यॉर्कर बल्लेबाज को घायल कर सकती थी।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने के बाद दिखाया दम
1 जुलाई 2004 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करते हुए मलिंगा ने पहले ही मैच में 6 विकेट चटकाए और इसमें शेन वॉर्न और एडम गिलक्रिस्ट जैसे दिग्गज भी शामिल थे। इस प्रदर्शन से वे श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया दोनों देशों के अखबारों की सुर्खियां बन गए। ठीक उसी साल एशिया कप में उन्होंने वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया और पहले ही मैच में उन्होंने कप्तान खुर्रम खान का विकेट लिया। इसके बाद तो मानो मलिंगा का वनडे करियर रफ्तार पकड़ने लगा।
हैट्रिक के बाद हैट्रिक
मलिंगा के करियर की सबसे बड़ी पहचान उनकी हैट्रिक रही है।
• 2007 वर्ल्ड कप – दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगातार चार गेंदों पर चार विकेट लेकर इतिहास रच दिया।
• 2011 वर्ल्ड कप – केन्या के खिलाफ दूसरी हैट्रिक, जिससे वे वर्ल्ड कप में दो हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बने।
• 2011 बनाम ऑस्ट्रेलिया – तीसरी वनडे हैट्रिक, और इसके साथ वनडे क्रिकेट में तीन हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी बने।
• टी-20 में भी कमाल – दो हैट्रिक और सबसे पहले 100 विकेट का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
आईपीएल और फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में भी चला जादू
लसिथ मलिंगा का नाम आईपीएल में सुनते ही मुंबई इंडियंस के फैंस का चेहरा खिल उठता है। उन्होंने मुंबई के लिए 122 मैच खेले और 170 विकेट झटके, जो आज भी आईपीएल का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। उनकी सटीक यॉर्कर और आखिरी ओवर की गेंदबाजी ने कई बार मुंबई को जीत दिलाई। 2011 में उन्होंने 28 विकेट झटके और पर्पल कैप जीता।
इसके अलावा उन्होंने बिग बैश लीग, पाकिस्तान सुपर लीग और श्रीलंकन प्रीमियर लीग में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
श्रीलंका टीम की कप्तानी और टीम को टी 20 वर्ल्डकप जिताना।
2014 में मलिंगा की कप्तानी में श्रीलंका ने टी-20 वर्ल्ड कप जीता और यह जीत खास इसलिए भी थी क्योंकि टीम कई सालों से फाइनल में पहुंचकर भी खिताब से चूक रही थी। मलिंगा ने टीम को एकजुट किया और अनुभवी खिलाड़ियों के साथ-साथ युवा गेंदबाजों को भी पूरा मौका दिया।
लसिथ मलिंगा के रिकॉर्ड्स और आंकड़े
• टेस्ट क्रिकेट – 30 टेस्ट मैच में 101 विकेट
• वनडे – 226 वनडे मैच में 338 विकेट
• टी20 इंटरनेशनल – 84 टी-20 मैच में 107 विकेट
• टी-20 इंटरनेशनल में सबसे पहले 100 विकेट
• अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 5 हैट्रिक
• आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज (170, 2021तक)
मलिंगा का क्रिकेट से संन्यास और पारिवारिक विरासत
2010 में मलिंगा ने तान्या परेरा से शादी की जिससे उनके दो बच्चे हैं। तान्या पेशे से डांसर और कोरियोग्राफर हैं, इनकी मुलाकात एक विज्ञापन शूट के दौरान हुई जहां वे इवेंट मैनेजर थीं।क्रिकेट के मैदान से बाहर वे बेहद शांत स्वभाव के और पारिवारिक व्यक्ति हैं।
14 सितंबर 2021 को उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया लेकिन उनका प्रभाव आज भी कायम है। युवा गेंदबाज उनके यॉर्कर और स्लिंगिंग एक्शन को कॉपी करने की कोशिश करते हैं। मुंबई इंडियंस और श्रीलंका दोनों के फैंस उन्हें आज भी याद करते हैं।
लसित मलिंगा सिर्फ एक गेंदबाज नहीं, बल्कि क्रिकेट का वह अध्याय हैं जिसने दिखाया कि मौलिकता, मेहनत और आत्मविश्वास के साथ आप किसी भी परंपरा को चुनौती दे सकते हैं। श्रीलंका के इस ‘स्लिंगर’ ने अपने करियर से यह साबित कर दिया कि चाहे आप किसी भी पृष्ठभूमि से हों, अगर आपका जुनून और हुनर असाधारण है तो आप दुनिया में अपनी पहचान बना सकते हैं।