
भारत की सांस्कृतिक परंपरा में संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि आत्मा की साधना है। इसी परंपरा को अमर बनाने वाले कलाकारों में एक भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ का नाम हमेशा अग्रणी रहेगा। उन्होंने शहनाई जैसी वाद्य-विद्या को, जिसे पहले शादी-ब्याह या धार्मिक आयोजनों...