खेलों में भविष्य: कोर्स, सैलरी और टॉप करियर ऑप्शंस !

बचपन से ही हम सभी ने कभी न कभी कोई न कोई खेल ज़रूर खेला है, आखि़र खेलना किसको पसंद नहीं है। भारत में खेलों का महत्व सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रहा बल्कि आज यह एक बड़ा करियर विकल्प भी बन चुका है। आज क्रिकेट, फुटबॉल, कबड्डी, बैडमिंटन, एथेलेटिक्स से लेकर ई स्पोर्ट्स तक, हर क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर मौजूद है।
पहले कहा जाता था, "खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब, पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब", लेकिन अब यह कहावत पुरानी हो चुकी है। आज खेलों के जरिए भी आप उतनी ही शोहरत, सम्मान और आर्थिक सफलता हासिल कर सकते हैं जितनी किसी अन्य पेशे में संभव है।
पहले खेलों को सिर्फ एक शौक के तौर पर देखा जाता था, लेकिन अब समय बदल चुका है। सरकार और निजी सेक्टर दोनों खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं। ‘खेलो इंडिया’ जैसी योजनाओं से लेकर आईपीएल जैसे लीग्स ने खिलाड़ियों और स्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स के लिए कमाई के बड़े अवसर पैदा किए हैं। ओलंपिक में नीरज चोपड़ा का गोल्ड मेडल जीतना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उनके संघर्ष, मेहनत और लगन ने न सिर्फ देश का नाम रोशन किया बल्कि लाखों युवाओं को खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
खेलों में करियर का मतलब सिर्फ मैदान पर खेलना नहीं है बल्कि आप कोच, ट्रेनर, स्पोर्ट्स एनालिस्ट, मैनेजर, फिजियोथेरेपिस्ट, कमेंटेटर, रेफरी, फिटनेस ट्रेनर और यहां तक कि स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी बन सकते हैं।

खेलों में करियर बनाने के लिए बेहतरीन ऑप्शन, उनसे जुड़ी पढ़ाई, बेस्ट इंस्टीट्यूट, सैलरी और संभावनाएं

1. प्रोफेशनल खिलाड़ी बनना

अगर आपको किसी खेल में गहरी रुचि और प्रतिभा है, तो आप एक प्रोफेशनल खिलाड़ी के रूप में करियर बना सकते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, कुश्ती, एथलेटिक्स जैसे किसी भी खेल में मेहनत और लगन से ऊँचाई हासिल की जा सकती है।

• योग्यता: इसके लिए कोई विशेष डिग्री जरूरी नहीं है लेकिन नियमित अभ्यास, फिटनेस, कोचिंग और टूर्नामेंट में भाग लेना आवश्यक है।

• कमाई: इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ियों को न सिर्फ वेतन बल्कि ब्रांड एंडोर्समेंट, स्पॉन्सरशिप और पुरस्कार राशि से करोड़ों रुपये मिलते हैं।

2. स्पोर्ट्स कोचिंग

अगर आप खेलना जितना ही पढ़ाना पसंद करते हैं, तो स्पोर्ट्स कोचिंग आपके लिए बेहतरीन विकल्प है। स्पोर्ट्स कोचिंग में करियर बनाने के लिए आपको संबंधित खेल में गहरी समझ और प्रशिक्षण तकनीक आनी चाहिए।

• कैसे बनें कोच: नेशनल बॉडी जैसे BCCI (क्रिकेट), AIFF (फुटबॉल), नेशनल शूटिंग फेडरेशन आदि कोचिंग लाइसेंस जारी करते हैं।

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) से Diploma in Coaching करके आप सरकारी या निजी संस्थानों में कोच बन सकते हैं।

• कमाई: शुरुआती सैलरी 20,000–50,000 रुपये और सीनियर कोच की सैलरी 1 लाख रुपये या उससे अधिक हो सकती है।

3. स्पोर्ट्स जर्नलिज़्म और कमेंट्री

अगर आपकी भाषा पर पकड़ मजबूत है और खेलों का गहरा ज्ञान है, तो स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट या कमेंटेटर बनना शानदार करियर हो सकता है।

• पढ़ाई: 12वीं के बाद 3 साल की Bachelor in Journalism and Mass Communication डिग्री करें। मास्टर डिग्री हासिल कर लेने से प्रोफाइल और मजबूत हो जाता हैं।

• संस्थान:
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यूज मीडिया, बेंगलुरु
मनिपाल स्कूल ऑफ कम्यूनिकेशन
सिंबायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड कम्यूनिकेशन, पुणे 

• कमाई: शुरुआती सैलरी 30,000–35,000 रुपये लेकिन IPL जैसे टूर्नामेंट में कमेंटेटर करोड़ों कमा लेते हैं।

4. अंपायर या रैफरी

खेलों में निष्पक्ष निर्णय लेने वाले अंपायर/रैफरी भी खेल जगत के अहम हिस्से हैं।

• कैसे बनें: संबंधित खेल की नेशनल फेडरेशन द्वारा आयोजित एग्जाम पास करना होता है। जैसे – क्रिकेट में BCCI, फुटबॉल में AIFF

• कमाई: क्रिकेट में IPL अंपायर प्रति मैच लाखों रुपये कमाते हैं। फुटबॉल में यह राशि और भी ज्यादा हो सकती है।

5. फिजिकल एजुकेशन टीचर/प्रोफेसर

अगर आपको शिक्षा और खेल दोनों पसंद हैं, तो फिजिकल एजुकेशन टीचर बनना अच्छा विकल्प है।

• पढ़ाई:
स्कूल के लिए: Graduation के बाद B.P.Ed. (2 साल)।
कॉलेज के लिए: M.P.Ed. + NET/SET क्वालिफिकेशन।

• संस्थान:
लक्ष्मीबाई नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, दिल्ली

• कमाई:
B.P.Ed. के बाद: शुरुआती कमाई 30,000–40,000 रुपये।
M.P.Ed. के बाद: शुरुआती कमाई 50,000–70,000 रुपये।

6. स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट

एथलीट को मानसिक रूप से मजबूत बनाने में स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट की भूमिका अहम है।

• पढ़ाई: Graduation के बाद Master in Sports Psychology (2 साल)।

• संस्थान:
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई
एम एस यूनिवर्सिटी, बड़ौदा

• कमाई: शुरुआती सैलरी 35,000–40,000 रुपये।

7. डिफेंस में स्पोर्ट्स कोटा

आर्मी, नेवी, एयरफोर्स और पुलिस में खेल कोटा के तहत भर्ती हो सकती है।

• फायदे: नियमित वेतन, खेल गतिविधियों में भागीदारी तथा मेडल जीतने पर तेज प्रमोशन।

8. स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट

खिलाड़ियों की चोट और रिकवरी में फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका जरूरी है।

• पढ़ाई: 12वीं (मेडिकल) के बाद BPT (4 साल) और फिर MPT (2 साल)।

• संस्थान:
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मनिपाल
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी 

• कमाई: शुरुआती सैलरी 30,000–35,000 रुपये, साथ में क्लिनिक खोलकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकते हैं।

9. स्पोर्ट्स मैनेजमेंट

बड़े स्पोर्ट्स इवेंट, मार्केटिंग, और एथलीट मैनेजमेंट में स्पोर्ट्स मैनेजर की मांग तेजी से बढ़ रही है।

• पढ़ाई: Graduation के बाद MBA in Sports Management

• संस्थान:
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, मुंबई
आईआईएम, रोहतक
सिंबायोसिस स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स साइंस, पुणे 

• कमाई: शुरुआती सैलरी 25,000 रुपये, अनुभव के साथ लाखों की हो सकती है कमाई।

10. स्पोर्ट्स मेडिसिन

खेल से जुड़ी चोटों और बीमारियों के इलाज में स्पोर्ट्स डॉक्टर की अहम भूमिका होती है।

• पढ़ाई: 12वीं (PCB) के बाद NEET पास करके MBBS, फिर स्पोर्ट्स मेडिसिन में स्पेशलाइजेशन।

• संस्थान: मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली एवं एम्स दिल्ली इत्यादि

• कमाई: शुरुआती सैलरी 50,000–60,000 रुपये, निजी प्रैक्टिस से और भी ज्यादा कमा सकते हैं।

11. पर्सनल ट्रेनर और न्यूट्रिशनिस्ट

खिलाड़ियों को फिटनेस और डाइट के लिए पर्सनल गाइड करना भी एक लाभदायक करियर है।

• पढ़ाई: Diploma in Personal Training + Sports Nutrition Course

• कमाई: जिम, फिटनेस सेंटर, ऑनलाइन ट्रेनिंग और फ्रीलांस प्रोजेक्ट से मासिक लाखों तक की कमाई हो सकती है।

खेल अब सिर्फ खेलने तक सीमित नहीं हैं बल्कि यह एक विशाल इंडस्ट्री बन चुका है, जिसमें हर तरह के टैलेंट के लिए जगह है। चाहे आप मैदान में हों, कैमरे के सामने हों या बैकस्टेज काम कर रहे हों, खेलों में करियर बनाने के लिए सबसे जुनून, मेहनत और निरंतर सीखने की इच्छा जरूरी है।
अगर आप भी खेलों के दीवाने हैं, तो अपने पसंदीदा खेल को करियर विकल्प के रूप में चुन सकते हैं!

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