आधुनिक जीवनशैली में ट्राइग्लिसराइड लेवल का बढ़ना लगातार देखा जा रहा है !
*क्या है ट्राइग्लिसराइड ?
ट्राइग्लिसराइड (Triglyceride) एक प्रकार की वसा (fat) होती है जो हमारे खून में पाई जाती है। जब आप भोजन करते हैं, तो शरीर उस भोजन से जो अतिरिक्त कैलोरी बचती है, उसे ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है और वसा कोशिकाओं (fat cells) में संग्रहित कर देता है। जब शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है, तो वह इनका उपयोग करता है।
- ट्राइग्लिसराइड स्तर(mg/dL में)
सामान्य: 150 mg/dL से कम
सीमा रेखा पर उच्च: 150-199 mg/dL
उच्च: 200-499 mg/dL
बहुत उच्च: 500 mg/dL से अधिक - ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने से हृदय रोग ,स्ट्रोक ,मेटाबॉलिक सिंड्रोम ,टाइप 2 डायबिटीज इत्यादि का खतरा हो सकता है ।
- ट्राइग्लिसराइड बढ़े होने पर क्या खाएं ?
- फाइबर युक्त भोजन (ओट्स, ब्राउन राइस, साबुत अनाज)
फल (सेब, संतरा, बेरीज़)
हरी सब्जियाँ (पालक, मेथी, ब्रोकली)
- अच्छी वसा (Good Fats):
ओमेगा-3 फैटी एसिड: मछली (सैल्मन, ट्यूना), अलसी का बीज (Flaxseeds), अखरोट एवोकाडो, जैतून का तेल
- प्रोटीन स्रोत:
दालें, टोंड मिल्क, टोफू, अंडे का सफेद भाग
- ट्राइग्लिसराइड बढ़े होने पर क्या नहीं खाएं ?
- शक्कर और मीठी चीजें (चीनी, मिठाई, केक, कुकीज, मीठे ड्रिंक्स, कोल्ड ड्रिंक)
- सफेद कार्बोहाइड्रेट
- (सफेद ब्रेड, मैदा, पास्ता, चावल)
- ट्रांस फैट्स और सैचुरेटेड फैट्स (फ्राई चीजें, समोसे, पकोड़े, चिप्स, पिज़्ज़ा, बर्गर)
- अल्कोहल (शराब ट्राइग्लिसराइड्स को तेजी से बढ़ा सकती है)
- नियमित व्यायाम करें !
रोज़ाना 30 मिनट तेज़ चलना, योग, साइकिलिंग इत्यादि जिससे कि आप सक्रिय रहें !