भारत विविधताओं का देश है तथा यहां की हर भौगोलिक इकाई, हर राज्य और हर क्षेत्र अपनी अनूठी पहचान और विशेषताओं के लिए जाना जाता है। इन्हीं विविधताओं में से एक है भारत का उत्तर-पूर्वी भाग, जिसे “सात बहनें” कहा जाता है। यह क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगलों, अनूठी संस्कृति और विशिष्ट परंपराओं के कारण पूरे देश में अलग महत्व रखता है।
“सात बहनें” नॉर्थ-ईस्ट के सात राज्य असम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम को कहा जाता है। सिक्किम भौगोलिक रूप से इस क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसे सात बहनों का हिस्सा नहीं माना जाता है, क्योंकि जब “Seven Sisters” का नामकरण हुआ, उस समय सिक्किम भारत का हिस्सा नहीं था। इन सात राज्यों की भौगोलिक स्थिति, उनकी आपसी निर्भरता और सांस्कृतिक एकता इन्हें “सात बहनों” का दर्जा देती है।
आइए विस्तार से जानते हैं सात बहन कहे जाने वाले राज्यों के बारे में
1. असम – पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार:
असम को नॉर्थ-ईस्ट का प्रवेश द्वार कहा जाता है। जब भी कोई यात्री उत्तर-पूर्व भारत की ओर बढ़ता है, तो उसकी पहली भेंट असम से होती है। इस राज्य को 26 जनवरी 1950 को राज्य का दर्जा मिला।
राजधानी: दिसपुर
जिले: 33
क्षेत्रफल: 78,438 वर्ग किमी
प्रमुख नदी: ब्रह्मपुत्र
असम की पहचान उसकी उपजाऊ भूमि और चाय के विशाल बागानों से है। यह भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य है और देश की लगभग आधी चाय यहीं से आती है। यहां हर साल लगभग 63 से 70 करोड़ किलो चाय का उत्पादन होता है।
माजुली द्वीप, जो ब्रह्मपुत्र नदी पर बसा है, दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है। यहां का डिगबोई शहर एशिया की सबसे पुरानी तेल रिफाइनरी (1901 से संचालित) के लिए प्रसिद्ध है।
असम के कामाख्या मंदिर और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (जो एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध है) देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां का मूंगा रेशम (Golden Silk) विश्वभर में अपनी खासियत के लिए मशहूर है।
2. नागालैंड – परंपरा और त्योहारों की भूमि:
नागालैंड का गठन 1 दिसंबर 1963 को हुआ और यह भारत का 16वां राज्य बना।
राजधानी: कोहिमा
सबसे बड़ा शहर: दीमापुर
जिले: 12
क्षेत्रफल: 16,579 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 20 लाख
यहां की 88% आबादी ईसाई धर्म को मानती है। नागालैंड सौ से अधिक जनजातियों का घर है, जिनकी अपनी-अपनी बोली और परंपराएं हैं।
दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची भूत जोलोकिया (Ghost Pepper) यहीं की उपज है, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है।
यहां हर साल 1 से 10 दिसंबर तक हॉर्नबिल फेस्टिवल मनाया जाता है, जो यहां की कला, नृत्य, संगीत और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन है। दिलचस्प तथ्य यह है कि नागालैंड में आज तक कोई महिला विधायक नहीं बनी है।
3. मणिपुर – पूर्वोत्तर की खूबसूरत घाटी:
मणिपुर को 15 अक्टूबर 1949 को भारत में शामिल किया गया और 21 जनवरी 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
राजधानी: इंफाल
जिले: 16
क्षेत्रफल: 22,327 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 28 लाख
मणिपुर को “भारत की आर्किड बास्केट” कहा जाता है। यह राज्य सिरोही लिली फूल के लिए प्रसिद्ध है, जो पूरी दुनिया में केवल यहीं पाया जाता है। हर साल इसका उत्सव बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
मणिपुर का केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है। यहां की लोकटक झील भी अपनी अनोखी पारिस्थितिकी के लिए मशहूर है। पर्यटक यहां के कांगला किला, विष्णुपुर का विष्णु मंदिर और खूबसूरत पहाड़ियां देखने आते हैं।
4. मेघालय – बादलों का घर:
मेघालय का अर्थ है “बादलों का घर”। इसे 21 जनवरी 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
राजधानी: शिलांग
जिले: 11
क्षेत्रफल: 22,429 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 29 लाख
मेघालय का चेरापूंजी और मौसिनराम दुनिया के सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों में शामिल हैं। यहां का मौसम सालभर ठंडा और सुहावना रहता है।
यह राज्य लिविंग रूट ब्रिज के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें पेड़ों की जड़ों से बनाया गया है। मेघालय का मावलिन्नॉन्ग गांव एशिया का सबसे स्वच्छ गांव माना जाता है। डॉकी की उमंगोट नदी इतनी साफ है कि उसमें नावें कांच पर तैरती हुई दिखाई देती हैं। यहां का नोकलिकाई फॉल्स भारत का सबसे ऊँचा झरना है।
5. त्रिपुरा – तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा राज्य:
त्रिपुरा भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है, जिसका गठन 21 जनवरी 1972 को हुआ।
राजधानी: अगरतला
जिले: 8
क्षेत्रफल: 10,491 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 36 लाख
यह राज्य तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा हुआ है और सिर्फ पूर्व में असम व मिजोरम से जुड़ा है। त्रिपुरा की प्राकृतिक सुंदरता और जंगल इसे खास बनाते हैं। यहां का उज्जयंता महल, नीरमहल और त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।
6. अरुणाचल प्रदेश – उगते सूर्य की भूमि:
अरुणाचल प्रदेश सात बहनों में सबसे बड़ा राज्य है।
राजधानी: ईटानगर
जिले: 25
क्षेत्रफल: 83,743 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 14 लाख
इसे लैंड ऑफ डॉन यानी “उगते सूर्य की भूमि” कहा जाता है, क्योंकि भारत में सबसे पहले सूरज यहीं उगता है। यहां सूर्योदय गुजरात की तुलना में लगभग दो घंटे पहले होता है।
आजादी से पहले इसे NEFA (North East Frontier Agency) कहा जाता था। 1972 में इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा गया और 1987 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
यहां का तवांग मठ भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ है। इस राज्य की सीमा चीन, म्यांमार और भूटान से लगती है, जिसके कारण यहां बहुसांस्कृतिक प्रभाव देखा जा सकता है।
7. मिज़ोरम – बांस और पहाड़ों की भूमि:
मिज़ोरम 20 फरवरी 1987 को भारत का 23वां राज्य बना।
राजधानी: आइज़ोल
जिले: 11
क्षेत्रफल: 21,081 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 11 लाख
यहां की साक्षरता दर पूरे भारत में सबसे ऊँची दरों में से एक है। यहां का बड़ा हिस्सा जंगलों से घिरा हुआ है और वर्षा भी खूब होती है।
यहां की सबसे बड़ी नदी कलादान (चिम्टुईपी) है और सबसे बड़ी झील पलक झील है। मिज़ोरम का एक विशेष तथ्य यह है कि लगभग हर 50 साल में जब बांस में फूल खिलते हैं तो चूहों की संख्या अचानक बढ़ जाती है और अकाल जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।
मिज़ोरम का ब्लू माउंटेन (फांगपुई) अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
भारत की “सात बहनें” यानी पूर्वोत्तर के राज्य असम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम न सिर्फ भौगोलिक और प्राकृतिक दृष्टि से खास हैं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी बेहद समृद्ध हैं।
यह क्षेत्र अपनी विविध जनजातियों, परंपराओं, त्योहारों और प्राकृतिक धरोहरों के कारण पूरी दुनिया का ध्यान खींचता है। चाहे असम की चाय हो, नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल, मणिपुर की तैरती झील, मेघालय का स्वच्छ गांव, त्रिपुरा के महल, अरुणाचल प्रदेश का तवांग मठ या मिज़ोरम की नीली पहाड़ियां हर राज्य की अपनी अनूठी पहचान है।
सात बहनें सचमुच भारत की शान हैं और ये हमारे देश की एक ऐसी धरोहर हैं, जिस पर हर भारतीय गर्व कर सकता है !