इतिहास शिक्षा का आधार और अनुभवों का भंडार है
“इतिहास केवल घटनाओं का संग्रह नहीं, बल्कि यह मानवता की स्मृति है।”
हर समाज, हर राष्ट्र और हर व्यक्ति का एक अतीत होता है जो उसके वर्तमान और भविष्य को आकार देता है। इतिहास हमें बताता है कि हम कहाँ से आए हैं, किन संघर्षों और उपलब्धियों से होकर गुज़रे हैं और हमने कौन-कौन सी गलतियाँ की है। हाल के समय में, विशेष रूप से भारत में इतिहास के अध्ययन की उपेक्षा करने की प्रवृत्ति पनप रही है। कहा जाता है कि इतिहास केवल अतीत की घटनाओं का संकलन है, और इसलिए उस पर समय बर्बाद करना व्यर्थ है। लेकिन इतिहास का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है, इसके महत्व को प्रसिद्ध निबंधकार बेकन ने पहचाना था जब उन्होंने कहा, “इतिहास मनुष्य को बुद्धिमान बनाता है।” गांधीजी ने इतिहास को स्वतंत्रता से भी अधिक महत्वपूर्ण माना और कहा, “देश अपनी स्वतंत्रता खो दे, लेकिन अपना इतिहास न खोए।” गांधी जी मानते थे कि इतिहास केवल अतीत की बात नहीं है, बल्कि वह हमारे वर्तमान और भविष्य को आकार देता है।
आमतौर पर यह माना जाता है कि इतिहास केवल अतीत की घटनाओं – युद्धों, विजयों और संधियों का लेखा-जोखा है। प्रसिद्ध अंग्रेज़ी लेखक कार्लाइल का मानना था कि इतिहास केवल महान लोगों की जीवनी है, परंतु इतिहास के बारे में ये सभी धारणाएं गलत हैं। इतिहास केवल महान व्यक्तियों के कार्यों का रिकॉर्ड नहीं है यह घटनाओं की एक श्रृंखला या सूची मात्र नहीं है बल्कि यह आम आदमी की उसके संघर्षों और उपलब्धियों की कहानी है। यह मनुष्य की सभी गतिविधियों को समेटे हुए है – धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक और आर्थिक। इसका क्षेत्र व्यापक है तथा इसका महत्व और मूल्य भी उतना ही बड़ा है।
इतिहास का अध्ययन क्यों किया जाना चाहिए
कहा गया है कि “तथ्य कल्पना से भी अधिक अजीब होते हैं” और इतिहास के तथ्य अक्सर उपन्यास या नाटक जितने ही दिलचस्प होते हैं। इतिहास मानव जाति का अध्ययन करता है, और मनुष्य के लिए मनुष्य का अध्ययन सबसे दिलचस्प होता है। यह इतिहास ही है जो हमें उसकी साधारण उत्पत्ति से लेकर उसकी उन्नति की रोमांचक कहानी बताता है। एक समय था जब यह पृथ्वी एक आग का गोला थी, फिर यह ठंडी हुई और धीरे-धीरे ठोस बन गई। फिर जीवन का प्रादुर्भाव हुआ और कई बदलावों से गुजरते हुए मानव का विकास हुआ। प्राचीन मानव बालों से ढँका और नग्न था, वह झुंड में जंगलों में घूमता था, शिकार करता था और जानवरों की तरह जीवन बिताता था। संयोगवश, वह आग जलाने में सक्षम हुआ जो मानव सभ्यता के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण चरण था और अगला कदम तब आया जब उसने खेती करना सीखा। मनुष्य के अतीत की यह एक रोमांचक कहानी है और निश्चय ही अध्ययन के लिए आकर्षक विषय है।
इतिहास सभ्यता की आत्मकथा होती है
इतिहास का अध्ययन इसके कई मूल्यवान पाठों के लिए किया जाना चाहिए। इसका अध्ययन हमारी परंपराओं और संस्थाओं की समझ को बढ़ाता है। यह सिखाता है कि कौन से कारण थे जिन्होंने विशेष संस्थाओं के विकास का परिणाम दिया और उनके लाभ क्या हैं। उदाहरण के लिए, इतिहास के अध्ययन से ही हम जाति व्यवस्था के सही और गलत तथ्यों को समझ सकते हैं। हम इसे एक दृष्टिकोण से देखते हैं तो समझ सकते हैं कि जाति व्यवस्था धार्मिक नहीं बल्कि आर्थिक संस्था है। यह आर्थिक कारणों से उत्पन्न हुई थी और किसी भी जाति से कोई धार्मिक पवित्रता नहीं जुड़ी है। लेकिन दुसरे दृष्टिकोण से देखें तो जाति व्यवस्था की कुरीतियों ने किस तरह से मानव मूल्यों और अधिकारों को खोखला किया। समय के साथ इसमें भी परिवर्तन आया और लोग धीरे धीरे इन चीजों से मुक्ति के लिए प्रयासरत हैं। इस प्रकार इतिहास का अध्ययन हमें समझ और विवेक प्रदान करता है, और हमें समझदारी से सुधार लाने की क्षमता देता है जो हमारे कई पूर्वग्रहों का सुधार करता है। इसी तरह, अन्य देशों के इतिहास का अध्ययन हमें उनकी संस्कृतियों और जीवन के तरीकों की बेहतर समझ देता है। यह हमें यह एहसास दिलाता है कि मूल रूप से पूरी मानवता एक है। यह दुनिया की सभी सभ्यताओं और राष्ट्रों में बेहतर समझ और शांति को बढ़ावा दे सकता है। यह घृणा को समाप्त करता है और प्रेम व सहानुभूति को बढ़ाता है।
जहाँ से सीखा जाता है, वही आगे बढ़ाता है
इतिहास का अध्ययन हमें साहस, दृढ़ता और आशा का पाठ पढ़ाता है। यह सांत्वना देता है और हमें सशक्त बनाता है। मनुष्य भले ही कमजोर हो, लेकिन युगों के दौरान उसने भारी कठिनाइयों से संघर्ष किया है और आगे बढ़ा है। उसने आपदाएं, युद्ध और क्रांतियाँ झेली हैं लेकिन फिर भी वह प्रगति करता रहा है। उसका संघर्ष अक्सर लंबा और कठिन रहा है, लेकिन उसने डटे रहकर अंततः विजय प्राप्त की है। इतिहास का अध्ययन हमें उसके साहस और आत्मबल को दिखाता है जिसने उसे विभिन्न क्षेत्रों में इतनी उपलब्धियाँ प्राप्त करने में समर्थ बनाया। मनुष्य को कभी निराश नहीं होना चाहिए निस्संदेह ही वह अपार कठिनाइयों से जूझ रहा है, क्योंकि वह अंततः उन्हें पार कर लेगा, जैसा कि उसने अतीत में भी किया है।
बीते कल की कहानी के साथ आने वाले कल की तैयारी
कहा जाता है कि इतिहास स्वयं को नहीं दोहराता लेकिन यह केवल इस दृष्टि से सत्य है कि कोई भी दो घटनाएँ बिल्कुल एक जैसी नहीं होतीं। जो पहले हुआ, वह उसी रूप में फिर नहीं होगा लेकिन एक अन्य दृष्टि से इतिहास हमें यह सिखाता है कि “इतिहास स्वयं को दोहराता है”, और समान कारण समान परिणाम लाते हैं। उदाहरण के लिए, अतीत में आंतरिक मतभेदों के कारण ही भारत ने स्वतंत्रता खोई थी। निश्चित है कि यदि भारतीय आपस में झगड़ते रहे, यदि साम्प्रदायिक या भाषाई विवाद होते रहे, तो देश भविष्य में भी अपनी “अनेकता में एकता रखने वाले देश” का पहचान खो देगा, इसलिए हमें सतर्क और एकजुट रहना चाहिए।
हर पीढ़ी का आईना है इतिहास
इसी प्रकार 20वीं शताब्दी में दो विनाशकारी युद्ध हुए , दोनों ही युद्ध उग्र राष्ट्रवाद के कारण हुए। इतिहास हमें सिखाता है कि राष्ट्रवाद केवल सीमित स्तर तक अच्छा होता है, इसका अर्थ केवल अपने देश से प्रेम होना चाहिए, दूसरों से घृणा नहीं। जब राष्ट्रवाद आक्रामक हो जाता है, तो इसका परिणाम केवल युद्ध और विनाश होता है। इस प्रकार इतिहास का अध्ययन हमें उग्र राष्ट्रवाद के खतरों से सावधान करता है और हमें सिखाता है कि अत्याचार और दमन का परिणाम क्रांति और तानाशाह की समाप्ति होता है। इतिहास हमें भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाने की शक्ति देता है।
इतिहास हमें ऐसे ही अनेक सबक सिखाता है इसी कारण इतिहास के अध्ययन को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। महान नेता और राजनेता हमेशा इतिहास के विद्यार्थी रहे हैं, इसलिए वे विश्व की समस्याओं को सही ढंग से समझ सकते हैं, इसी कारण वे लोग प्रभावी नेतृत्व कर पाते हैं।
“जो लोग इतिहास से नहीं सीखते, वे इतिहास को दोहराने के लिए अभिशप्त होते हैं।”— जॉर्ज सैंटायाना



