भारतीय मनोरंजन जगत में कुछ चेहरे हैं, जिन्हें देखकर हमें बरसों का सफर, मेहनत और संघर्ष एक साथ याद आ जाते हैं। कभी बड़े पर्दे पर दमदार उपस्थिति, कभी छोटे पर्दे पर ठहाके भरी हंसी और कभी रियलिटी शो में जज की कुर्सी पर बैठा एक आत्मविश्वास से भरा व्यक्तित्व रखने वाली अर्चना पुराण सिंह उन्हीं में से एक नाम है।
आज वो टीवी के सबसे पॉपुलर कॉमेडी शो की जज हैं, लेकिन उनकी शुरुआत बेहद मामूली और छोटी सिर्फ 10 सेकंड के रोल से हुई थी। और यहीं से उन्होंने एक ऐसा सफर तय किया, जो अब चार दशक से भी ज्यादा लंबा हो चुका है।
देहरादून से मायानगरी मुंबई तक का सफर आसान नहीं था
अर्चना का जन्म एक पंजाबी परिवार में हुआ और बचपन देहरादून में बीता, जहां से उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी किए। पिता वकील थे, और घर में पढ़ाई को लेकर सख्ती थी लेकिन कॉलेज आते-आते उनके भीतर एक अलग आत्मविश्वास पनप चुका था। दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने ठान लिया कि मॉडलिंग में किस्मत आजमानी है। उनके दोस्तों का भी यही मानना था कि उनका व्यक्तित्व कैमरे के लिए बना है और बस फिर क्या था उन्होंने सपनों को पूरा करने के लिए मायानगरी मुंबई की राह पकड़ ली।
पर्दे पर महज़ 10 सेकंड की दृश्य से हुई शुरुआत
साल 1982, फिल्म निकाह का मशहूर गाना “सुना रहा है ये समां”… इसी गाने में एक दृश्य के लिए अर्चना को 10 सेकंड का मौका मिला जिसमें वह एक शॉप में सेल्सगर्ल के रूप में नजर आईं। यह छोटा-सा रोल भले ही किसी की नज़र में न आया हो, लेकिन अर्चना के लिए यह उनके सपनों के दरवाजे पर पहली दस्तक थी।
इसके बाद उन्होंने कई प्रिंट एड किए। एक बैंडेड का विज्ञापन, जिसे मशहूर अभिनेता और निर्देशक जलाल आगा बना रहे थे, उन्हें खास पहचान दिला गया। इसके बाद जलाल आगा ने तय कर लिया कि किसी अच्छे प्रोजेक्ट में वो अर्चना को जरूर कास्ट करेंगे।
फिल्मों में मिला पहला ब्रेक और बनी बोल्ड पहचान
जलाल आगा के जरिए अर्चना की कास्टिंग टीवी सीरीज मिस्टर या मिस में तय हुई, लेकिन शूटिंग में देरी होती रही और इस बीच उन्होंने फिल्मों में कदम रख दिया। बॉलीवुड में आने से पहले अर्चना आदित्य पंचोली के साथ एक बोल्ड शॉर्ट फिल्म अभिषेक में नजर आईं ,और यहीं उनकी मुलाकात निर्देशक पंकज पाराशर से हुई। उस समय पंकज, नसीरुद्दीन शाह और डिंपल कपाड़िया के साथ एक फिल्म बना रहे थे। डिंपल के प्रोजेक्ट छोड़ने पर पंकज ने अर्चना को मौका दिया और यह फिल्म थी जलवा।
जलवा में अर्चना का किरदार बोल्ड था, फिल्म हिट भी रही, लेकिन उन्हें मुख्यधारा की नायिका का दर्जा नहीं मिला। उन्हें अधिकतर बी और सी ग्रेड की फिल्मों के ऑफर आने लगे। तब उन्होंने निश्चय किया कि अब बोल्ड सीन तो करेंगी, लेकिन सिर्फ बड़े बैनर्स के तले ही करेंगी।
परमीत सेठी से मुलाकात और रिश्ते की शुरुआत
एक पार्टी में अर्चना मैगजीन पढ़ रही थीं, तभी एक युवक ने बिना पूछे मैगजीन छीन ली। अर्चना का गुस्सैल चेहरा देखकर उस युवक को तुरंत अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने माफी मांगी और बातचीत शुरू हो गई। वह युवक था कोई और नहीं था बल्कि वो शख्स थे परमीत सेठी। उस समय अर्चना फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो चुकी थीं, जबकि परमीत एक स्ट्रगलर थे। अर्चना की निजी जीवन आसान नहीं रही थी ,वो पहले शादी कर चुकी थीं लेकिन शादीशुदा जीवन में झगड़े और घरेलू हिंसा के चलते तलाक लेना पड़ा। इस अनुभव ने उन्हें रिश्तों के प्रति बेहद सतर्क बना दिया था।
परमीत के प्रस्ताव को उन्होंने शुरुआत में नकारा, लेकिन धीरे-धीरे उनकी सच्चाई और लगन ने अर्चना का दिल जीत लिया। दोनों ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहना शुरू किया जो उस दौर में यह एक बहुत साहसिक फैसला था।

अर्चना की शादी और करियर की नई उड़ान हुई शुरू
लंबे समय तक साथ रहने के बाद, साल 1992 में अर्चना और परमीत ने गुपचुप तरीके से शादी कर ली। शादी भी किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी, एक रात अचानक परमीत को टीवी शो का बड़ा प्रोजेक्ट मिला, उसी रात उन्होंने अर्चना को प्रपोज किया, और दोनों ने पंडित बुलाकर शादी कर ली। शादी के बाद अर्चना के करियर में नए मौके आने लगे। उन्होंने अग्निपथ में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया, आज का गोला में सनी देओल के साथ लिप-लॉक सीन से चर्चा बटोरी, और गोविंदा के साथ गानों में भी छाईं।
अभिनय में नेगेटिव रोल से कॉमेडी तक का सफर किया
1996 में आई राजा हिंदुस्तानी में अर्चना ने करिश्मा कपूर की सौतेली मां का नेगेटिव किरदार निभाया। गर्भवती होने के बावजूद उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग पूरी की और अपने अभिनय से दर्शकों को चौंका दिया।
1998 में कुछ कुछ होता है में उन्होंने एक ग्लैमरस और सेंशुअल टीचर का रोल निभाया, जिससे उनकी इमेज पूरी तरह बदल गई। इसके बाद मोहब्बतें में उन्होंने कॉमेडी रोल किया, जिसने उनके करियर की दिशा ही बदल दी। मस्ती, ओ लकी! ओ, दे दनादन, बोल बच्चन जैसी फिल्मों में उनकी कॉमिक टाइमिंग ने उन्हें कॉमेडी की दुनिया का खास चेहरा बना दिया।
अर्चना पूरन सिंह को टीवी से मिला असली मुकाम
हालांकि अर्चना फिल्मों में लगातार दिख रही थीं, लेकिन असली पॉपुलैरिटी उन्हें टीवी ने दी। कॉमेडी सर्कस में जज के रूप में उनकी हंसी और प्रतिक्रियाएं शो की पहचान बन गईं। इसके बाद उन्होंने झलक दिखला जा जैसे रियलिटी शोज़ में भी भाग लिया, और आज वो द कपिल शर्मा शो में जज के रूप में हर घर में पहचानी जाती हैं। अर्चना खुद मानती हैं कि फिल्मों की तुलना में टीवी ने उन्हें ज्यादा स्थिरता और पहचान दी।

निजी जीवन और आज की अर्चना की लाइफस्टाइल
आज अर्चना और परमीत मुंबई में एक आलीशान बंगले में रहते हैं। उनके दो बेटे हैं, जो अब बड़े हो चुके हैं और जल्द ही इंडस्ट्री में कदम रखने वाले हैं। लगभग 40 साल का करियर, जिसमें उतार-चढ़ाव भी आए और सफलता की ऊंचाइयां भी छुए। अर्चना पूरन सिंह ने साबित किया कि मेहनत, आत्मविश्वास और खुद पर विश्वास हो तो 10 सेकंड का रोल भी चार दशक का सुनहरा सफर बना सकता है।
मौजूदा समय में अर्चना पूरन सिंह एक मिसाल हैं कि आप कहां से शुरू करते हैं, यह उतना मायने नहीं रखता जितना यह कि आप कहां पहुंचना चाहते हैं। उन्होंने अपने करियर में बोल्ड सीन, नेगेटिव रोल, ग्लैमरस किरदार और कॉमेडी सब कुछ किया। सबसे खास बात उन्होंने कभी काम को छोटा-बड़ा नहीं समझा। यही कारण है कि जब 80 के दशक की कई अभिनेत्रियां गुमनामी में खो गईं, अर्चना आज भी स्क्रीन पर चमक रही हैं !